क्राईमछत्तीसगढ़

साइबर अपराध पर लगाम लगा पाने में जहां पुलिस प्रशासन नाकामयाब है तो वही जिला प्रशासन भी नाकाफी साबित हो रही है

लोग लगातार ऑनलाइन ठगी का शिकार होकर गंवा रहे अपनी जमा पूंजी

बिलासपुर प्रवीर भट्टाचार्य

बिलासपुर तारबाहर थाना क्षेत्र अंतर्गत फिर एक व्यक्ति के साथ धोखाधड़ी की घटना घटित हो गयी,दरअसल इस बार घटना एटीएम के माध्यम से घटित होना बताया जा रहा है,जहां एटीएम क्लोनिंग कर प्रार्थी के खाते से अस्सी हजार रुपये आहरण कर लिया गया,पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध कर मामले की जांच शुरू कर दी है।वही बढ़ते साइबर के मामले में अंकुश लगाने के उद्देश्य से क्राइम कंट्रोल यूनिट का गठन भी किया जा रहा है।

साइबर अपराध पर लगाम लगा पाने में जहां पुलिस प्रशासन नाकामयाब है तो वही जिला प्रशासन भी नाकाफी साबित हो रही है,लगातार लोग ऑनलाइन ठगी का शिकार होकर अपनी जमा पूंजी गंवा रहे है,जानकारी के मुताबिक जब से खातों को आधार कार्ड और एटीएम कार्डों को चिप से लैस किया गया है तब से एटीएम फ्रॉड के मामलों में इजाफा हुआ है।जो बढ़कर सात आसमान पर जा पहुँची है।इसी तरह एक और व्यक्ति एटीएम फ्रॉड का शिकार हो गया,दरअसल तारबाहर थाने में खड़ा यह शख्स देवलाल सिंह जो जांजगीर का रहने वाला है,ये व्यक्ति स्थायी रूप से झारसुगुड़ा का रहने वाला है जो अपने परिवार का पालन पोषण के लिए जांजगीर में रहकर कार्य कर रहा है।देवलाल छुट्टी मनाने अपने घर झारसुगुड़ा पहुंचा हुआ था कि इसे अचानक मैसेज आया कि आपके खाते से अलग अलग किस्तों में कुल 80 हजार रुपये का आहरण किया गया है।मैसेज देखकर देवलाल हक्का बक्का हो गया और मामले की शिकायत करने झारसुगुड़ा थाने पहुंचा जहाँ से प्रार्थी को यह कहकर चलता कर दिया गया कि आपका खाता जांजगीर का है वही एफआईआर किय्या जायेगा।इसके बाद प्रार्थी जांजगीर पहुंचा जहाँ उसे घटना स्थल बिलासपुर का होने का हवाला देकर चलता कर दिया गया।फिर प्रार्थी सिविल लाइन थाने पहुंचा जहां अपना कलम ना फंसे इसलिए सिविल लाइन पुलिस ने प्रार्थी को कोतवाली का रास्ता दिखा दिया,जब प्रार्थी कोतवाली पहुंचा तो थाने के स्टाफ प्रार्थी से तरह तरह के सवालात करने लगे,जिससे तंग आकर प्रार्थी ने एसपी का दरवाजा खटखटाया।और तब जाकर एसपी ने प्रार्थी को घटनास्थल तारबाहर बताकर थाना तारबाहर भेजा,जहां तारबाहर थाना प्रभारी ने अपने जिम्मेदारियों को बेहतर निभाते हुए ना केवल प्रार्थी के शिकायत पर धोकाधड़ी का केस दर्ज किया बल्कि प्रार्थी को अपने पेट्रोलिंग वाहन में बैठकर बैंक और घटनास्थल पर भी लेकर गये।

गौरतलब हो कि जिले में लगातार धोकाधड़ी के मामले बढ़ते जा रहे है,जिसने ना केवल पुलिस के नाक में दम कर रखा है बल्कि इस समस्याओं से सबसे ज्यादा आम आदमी ही आहत है।इसी तरह फिर से तारबाहर थाना अंतर्गत एक व्यक्ति एटिव्म फ्रॉड का शिकार हो गया,हालांकि समय पर प्रार्थी थाना नही पहुंच सका क्योंकि प्रार्थी को सही जानकारी नही होने की वजह से प्रार्थी ने आधे दर्जन से अधिक थाने के चक्कर काट लिए,फिलहाल प्रार्थी को थाना तारबाहर टीआई का भरपूर सहयोग मिला,जिससे वे सन्तुष्ठ भी नजर आये।

बहरहाल बढ़ते साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से पुलिस कप्तान ने एक फरमान जारी किया है,जिसमे साइबर सेल का विस्तार करने का जिक्र है, अब जिलेभर के थानों में साइबर के दो दो स्टाफ तैनात रहेंगे।इससे फायदा ये मिलेगा की जब किसी व्यक्ति के साथ धोकाधड़ी होती है तो उसके पास क्लेम के लिए केवल 24 घंटे का ही समय रहता है,ऐसे में पहले प्रार्थियों को शिकायत के लिए थाने जाना पड़ता है फिर वे साइबर तक पहुंच पाते है तबतक पता चलता है कि जो रकम उसके खाते से गायब हुए है वह वापस नही आ सकती क्योंकि उसकी समय सीमा समाप्त हो चुकी है।इसलिए क्राइम कंट्रोल यूनिट के गठन से आमजनो को इसका भरपूर फायदा मिलेगा।सीसीयू के तहत सभी थानों में दो दो स्टाफ तैनात किए जाएंगे जो शिकायत के बाद सीधे प्रमुख साइबर सेल से जुड़कर कार्य करेंगे,जिससे ना केवल साइबर सेल के अपराध पर अंकुश लगेगा बल्कि मौके से प्रार्थियों की जमा पुँजियो को भी लाने का हर सम्भव प्रयास किया जायेगा।

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