छत्तीसगढ़

पशु चिकित्सालय परिसर में मौजूद गौ सेवा धाम की बेदखली के मामले में मध्यस्थता करने पहुचे शहर विधायक शैलेश पाण्डेय

बे वक्त से इन दोनों सेवाभावी संगठनों को शिफ्ट कर राजकिशोर नगर के पास कांजी हाउस भेजने की कोशिश की जा रही है लेकिन वहां के हालात ऐसे नहीं है जहां शहर कि घायल गायों का इलाज किया जा सके

बिलासपुर प्रवीर भट्टाचार्य

पुराने श्याम टॉकीज के पास स्थित शासकीय पशु चिकित्सालय के चिकित्सा अधिकारी और यही परिसर में मौजूद श्री गोपाल कामधेनु गौ सेवा धाम के वॉलिंटियर के बीच ठन चुकी है लगातार गौ सेवकों को परेशान करने पशुपालन विभाग द्वारा नोटिस पर नोटिस थमाया जा रहा है जो काम पशु चिकित्सालय के चिकित्सकों को करना चाहिए वह काम गौ सेवक अपना श्रम और धन लगा कर कर रहे हैं उनकी सराहना करने की जगह सिर्फ इसलिए उन्हें खदेड़ने की कोशिश की जा रही है क्योंकि उनकी मौजूदगी से चिकित्सक और उनके परिवार के सदस्यों के आराम में खलल पहुंच रहा है इस मामले में मदद के लिए श्री गोपाल कामधेनु गौ सेवा धाम के सदस्यों ने शहर के विधायक शैलेश पांडे से आग्रह किया कि वे मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा ले लेकिन जब विधायक पशु चिकित्सालय पहुंचे तो उन्हें पूरे मामले से भटकाने की कोशिश ज्वाइन डायरेक्टर सीके पांडे ने की। मामला गौ सेवकों को बेदखली से था और इसे पशु चिकित्सालय संसाधनों की कमी दर्शाने में तब्दील कर दिया गया जॉइंट डायरेक्टर ने पशु चिकित्सालय के एक एक हिस्से का मुआयना विधायक को कराते हुए खामियां गिनाई और बताया कि वे किस तरह संसाधन विहीन होने के बाद भी काम कर रहे हैं विधायक ने भी मौके का निरीक्षण करने के बाद जर्जर भवन की मरम्मत और संसाधन जुटाने के निर्देश सचिव को दें दिए इस पूरे तमाशे को देख रहे गौ सेवकों ने विधायक को बताया कि किस तरह मामले को अलग रंग देने की कोशिश की जा रही है जबकि मौजूदा समस्या यहां से गौ सेवकों को बेदखली का है साथ ही कुत्तों की मदद करने वाली एनजीओ को भी यहां से हटाने का नोटिस थमाया गया है इस पर फौरी राहत देते हुए विधायक ने यह आश्वासन तो जरूर दिया कि फिलहाल जमीन खाली नहीं कराई जाएगी लेकिन यह भी जोड़ा की इस आवासीय परिसर में गौशाला और कुत्तों का अस्पताल नहीं चलाया जा सकता इसलिए उन्हें कहीं और शिफ्ट किया जाएगा।

लंबे वक्त से इन दोनों सेवाभावी संगठनों को शिफ्ट कर राजकिशोर नगर के पास कांजी हाउस भेजने की कोशिश की जा रही है लेकिन वहां के हालात ऐसे नहीं है जहां शहर कि घायल गायों का इलाज किया जा सके और कुत्तों की मददगार एनजीओ में महिलाएं शामिल है इसलिए संभव ही नहीं है कि उस विराने और असामाजिक तत्वों के घेरे वाले स्थान पर इस तरह का चिकित्सालय चलाया जा सके इसलिए दोनों संगठनों ने स्पष्ट कहा है कि या तो उन्हें कोनी मार्ग पर जमीन उपलब्ध कराई जाए या फिर यह जिम्मेदारी खुद पशु चिकित्सालय विभाग खुद ले ले ऐसा ना होने की सूरत में दोनों संगठनों ने यहां से हटने से साफ इंकार कर दिया है इधर मामले को अलग रंग देने की कोशिश करते ज्वाइंट डायरेक्टर खुद कई मुद्दों पर फंसते नजर आए पशु चिकित्सालय के पीछे एक्सपायरी दवाओं का जखीरा मौजूद है जाहिर है इस तरह सरकारी पैसों का खुल कर दुरुपयोग किया गया है जिस पर लीपापोती अधिकारी कर रहे हैं और खुद को विक्टिम बताने की कोशिश इनके द्वारा की जा रही है।

शहर विधायक सुलझे हुए व्यक्ति है उन्हें अधिकारी भले ही बरगलाने की कोशिश करें लेकिन वे सच्चाई से वाकिफ है इसलिए उम्मीद की जानी चाहिए कि वे गोवंश और घायल स्वान के मदद के लिए अपना सब कुछ न्योछावर करने वालों की मदद के लिए स्वयं आगे आएंगे और उनकी मांग पूरी करेंगे साथ ही विधायक को पशु पालन विभाग के इन भ्रष्ट अधिकारियों पर भी नकेल कसनी होगी जो लाखों रुपए के फंड का दुरुपयोग कर रहे हैं और काम ढेले भर का नहीं हो रहा

पशु चिकित्सालय परिसर में मौजूद गौ सेवा धाम की बेदखली के मामले में मध्यस्थता करने शनिवार को शहर विधायक शैलेश पांडे पहुंचे। अधिकारियों ने उनके सामने कुछ और ही कहानी बयां कर दी मामले को भटकाने की कोशिश में उन्हें भले ही फौरी तौर पर कामयाबी मिली हो लेकिन विधायक की नजर में उन की कारगुजारी भी आ चुकी है

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