अंतरराष्ट्रीय

टुकड़े टुकड़े हो जाएगा मोदी की जाल में उलझा पाकिस्तान

भगवान जिसे बर्बाद करना चाहते हैं उसे पहले पागल बनाते हैं। और पाकिस्तान शायद उसी रास्ते पर है

सत्याग्रह

यदि आप पाकिस्तान के सम्बन्ध में नरेन्द्र मोदी की नीतियों को समग्र रुप से समझना चाहते हैं तो पाकिस्तान के सुप्रसिद्ध अखबार Dawn में आज छपे सम्पादकीय लेख को जानना जरुरी है। यह लेख लाहौर के प्रसिद्ध विश्वविद्यालय “लाहौर युनिवर्सिटी आफ मैनेजमेंट साईंसेज” के डीन प्रो अंजुम अल्ताफ का है।
उन्होंने लिखा है की पाकिस्तान में आम जनता की दशा दिन ब दिन बद से बदतर होती जा रही है। आम जनता राष्ट्रवाद का झंडा ढोने के लिए तैयार है लेकिन उस झंडे को ढोने के लिये राष्ट्र की तरफ से जो न्यूनतम सुविधाएं मिलनी चाहिए वह भी यदि कोई सरकार देने में असमर्थ होती है तो लोग उस झंडे को फेक देते हैं।
उन्होंने आगे लिखा है की पाकिस्तान को एक कल्याणकारी राज्य (वेलफेयर स्टेट) बनना था लेकिन वह एक युध्दकारी राज्य (वाॅरफेयर स्टेट) बन गया। पाकिस्तान के कैबिनेट ने कहा है की देश को पङोसी राज्यों से सुरक्षित रखने के लिये और रक्षा बजट की आवश्यकता है। जबकी सच्चाई यह है की पाकिस्तान पहले से ही स्वास्थ्य, सफाई, स्वच्छ पेयजल, साक्षरता और सङक पर अपने बजट को काटकर रक्षा में लगा चुका है। लेकिन फिर भी युद्ध के भय से इसमें और कटौती हो रही है। नोटों की छपाई जोरो पर है जिससे आम लोगों के हाथ में रखे रुपये की किमत घटती चली जा रही है।
उन्होंने रुस और अमेरिका के शीतयुद्ध का शानदार उदाहरण देते हुए बताया है की किस तरह अमेरिका के राष्ट्रपति रीगन ने सोवियत रुस के मन में युद्ध का बेजा खौफ पैदा किया और उस खौफ में सोवियत रुस ने अपने जनता के आशाओं आकांक्षाओं को पूरा करने के बजाय अपना सारा ध्यान अपने सेना को मजबूत करने में लगा दिया और भूल गया की देश जनता से बनता है न की सेना से। सेना तो केवल उस जनता/देश की रक्षा के लिये है। अन्ततः सोवियत रुस बिना किसी युद्ध के केवल और केवल अपने जनता के आशा और आकांक्षा के बोझ मे टूट गया।

उन्होंने लेख के आखिरी में भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जिक्र करते हुए कहा है की नरेन्द्र मोदी एक बेहद चालाक नेता हैं। वह पाकिस्तान के साथ पैंतरेबाजी कर रहे हैं और पाकिस्तान भी उस पैतरेबांजी पर नाच रहा है। और सारा ध्यान सोवियत रुस की ही तरह सेना और रक्षा पर लगा रहा है। हो सकता है की एक समय ऐसा आए की पाकिस्तान को सोचने का मौका भी न मिले और मोदी अपना काम कर ले जाय। जनता के आशा और आकांक्षा से दूर जाते पाकिस्तान के पास संभलने का ज्यादा समय नही है। अलग अलग दर से वृद्धि कर रहे दोनों देशों के बीच पाक द्वारा बेजा कम्पटिशन करने से वह अन्दर ही अन्दर खोखला होता जा रहा है और दिन प्रतिदिन इसकी नेगोशिएटिंग पावर कम होती जा रही है। उन्होंने कहा है भगवान जिसे बर्बाद करना चाहते हैं उसे पहले पागल बनाते हैं। और पाकिस्तान शायद उसी रास्ते पर है।

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