आलोक
रेलवे के संचालन में रनिंग स्टाफ की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। लेकिन पिछले कुछ समय से रेलवे प्रबंधन और रनिंग स्टाफ के मध्य गतिरोध बना हुआ है। रनिंग स्टाफ विभिन्न माध्यमो से रेल प्रबंधन तक अपनी मांगे पहुचाने का प्रयास कर रहे है, लेकिन प्रबंधन केवल आश्वासन का झुनझुना थमा रहा है। लोकतांत्रिक प्रक्रिया से विरोध दर्ज कराने के मद्देनज़र बुधवार को आल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के बैनर तले दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के रनिंग स्टाफ ने डीआरएम कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया।
इस दौरान एसोसिएशन ने प्रति 100 किलोमीटर माइलेज दर में 30 प्रतिशत वेतन तत्व और टी ए को 70 प्रतिशत करने,माइलेज दर को जनवरी 2016 से लागू करने,अस्सिटेंट लोको पायलट को रिस्क भत्ता देने,2015 में नियुक्ति और 2016 में नियमित अस्सिटेंट लोको पायलट का वेतन निर्धारण रेलवे बोर्ड के 2017 के अनुसार करने,लोको कैब को वतुनुकूलित करने सहित गाड़ियों का असुरक्षित परिचालन बंद करना जैसी मांगे रखी है। 19 जून को लोको रनिंग स्टाफ असोसिएशन ने सांकेतिक और लोकतांत्रिक प्रक्रिया से अपना विरोध दर्ज कराया है। वही रेलवे प्रबंधन इसके बाद भी अगर रनिंग स्टाफ की मांगों पर गौर नही करती है तो 17 जुलाई से रनिंग स्टाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे। वही रेल अधिकारी जल्द ही रनिंग स्टाफ के समस्याओ का निदान करने का आश्वासन दे रहे है।