बिलासपुर

पानी की तलाश में बस्ती के करीब पहुँचे चीतल पर कुत्तों ने किया हमला हुई मौत….जंगल में जल स्त्रोतों की कमी घटना की वजह

सीपत रियाज असरफी

सीपत – वन विभाग के अधिकारियों की उदासीनता और जंगल मे जानवरों के लिए पीने के लिए पानी की कमी ने शनिवार को फिर एक मादा चीतल की जान ले ली है। ढाई वर्षीय मादा चीतल ठरकपुर बिट के कक्ष क्रमांक 3 आरएफ से भटककर सुबह 7 बजे ठरकपुर में मंदिर के समीप नहर में पानी पीने पहुचा था आवरा कुत्तों ने प्यासे चीतल पर इस दौरान हमला कर दिया वही से गुजर रहे ग्रामीण ने कुत्तों को भगाकर घायल चीतल को बचाने का प्रयास किया लेकिन हमले में बुरी तरह से घायल चीतल ने दम तोड़ दिया। इसके बाद बिट के डिप्टी रेंजर अजय बेन को देवनारायण ने घटना की सूचना दी बिलासपुर रेंजर एसएस नाथ मौंके पर पहुँचकर पशु चिकित्सक से पोस्टमार्टम करा मृत चीतल का दाह संस्कार किया गया। जिले के सबसे बड़े सीपत रेंज के जंगल में नियुक्त वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी अपने बिट पर नही के बराबर जाते है शहर में रहकर ही जंगल का रेख देख करते है। यही कारण है कि गर्मी आते ही जंगल मे चीतलों का शिकार होना आम बात हो गई है शिकार की जानकारी होने के बाद भी मामले को दबा देते है। जंगल में पानी की समस्या गर्मी में देखने को मिलती है वन विभाग भले ही लाख दावा कर लें कि जानवरो के लिए जंगल के अंदर उनके पीने के लिए पानी की व्यवस्था की गई हो लेकिन उनका दावा कुछ इस तरह की घटनाएं ही पोल खोलती है। जंगल मे पानी और जानवरों की व्यवस्था के लिए लाखों खर्च किया गया है लेकिन सिर्फ कागजों में है।

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