धर्म -कला-संस्कृति

आओ री सखी क्योंकि आया है सावन झूम के, सीपत क्षेत्र में मना सावन उत्सव

डेस्क

सावन के महीने में प्रकृति ने हरियाली की चादर ओढ़ ली है। बारिश की फुहारों ने धरती के साथ जीव जगत में भी नए जीवन का संचार कर दिया है। प्रकृति की यही हरियाली सभी जीव जगत को प्रभावित कर रही है, कोई भी इसके प्रभाव से अछूता नहीं है। मानव प्रवृत्ति को भी प्रकृति कहा गया है यानी प्रकृति का सीधा सीधा असर मानव मन पर पड़ता है। यही कारण है कि इन दिनों महिलाओं का मन मयूर नाच उठा है। इस विशेष माह में महिलाओं के कई पर्व, तीज त्यौहार आते हैं जिनमें हरियाली का समावेश होता है। हरियाली तीज भी इन्हीं में से एक है। महिलाएं मायके आती है, झूले लगते हैं , पुरानी सखी सहेलियां मिलती है ।यही आनंद उत्साह पूरे सावन महीने में मनाया जाता है ।उत्साह और उमंग के लिए सावन महीने में महिला मंडलियों द्वारा सावन उत्सव का आयोजन किया जा रहा है।

इसी परंपरा के पालन में मस्तूरी
सीपत परी क्षेत्र में महिलाओं ने बड़े धूमधाम से सावन उत्सव मनाया। सावन उत्सव मनाने के लिए महिलाये हरे रंग की ड्रेस कोड में सजी-धजी शामिल हुई और सावन गीत पर जमकर थिरकी। महिलाओं ने विविध स्पर्धाओं और गेम में हिस्सा लेकर अपनी दक्षता का परिचय दिया। इन्हीं में से विजेताओं का भी चयन हुआ। सौंदर्य ,श्रृंगार, वाकपटुता और खुद को प्रस्तुत करने के अंदाज के आधार पर सावन सुंदरी का भी चयन किया गया।

मौज-मस्ती, हंसी ठिठोली और गीत संगीत के बाद सभी सखियों ने सहभोज किया, जिसमें ज्योति तिवारी. प्रीति. वीना भार्गव. कमलेश सहित और अन्य महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

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