राष्ट्रीय

अमरनाथ यात्रियों समेत पर्यटकों को घाटी छोड़ने की सलाह

डेस्क

. जम्मू-कश्मीर में तेजी से बदले घटनाक्रमों के बीच सरकार ने आंतरिक सुरक्षा स्थिति के आकलन के आधार पर जहां राज्य में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किये जाने का निर्णय लिया है वहीं आतंकवादियों की धमकियों के मद्देनजर शुक्रवार को अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों से यथासंभव घाटी छोड़ने की सलाह दी है।
अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को घाटी छोड़ने की जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से यह परामर्श उन रिपोर्टों के बीच आई है जिनमें कहा गया कि केंद्र सरकार द्वारा कश्मीर घाटी में अतिरिक्त बलों को तैनात किया जा रहा है।

गृह विभाग के प्रधान सचिव शालीन काबरा की ओर से जारी परामर्श के मुताबिक आतंकवादियों की धमकी और वर्तमान स्थिति को देखते हुए श्रद्धालु और पर्यटकों से कहा गया है कि वे अपनी यात्रा अवधि में कटौती करके घाटी से चले जायें।
दूसरी तरफ गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की रिपोर्टों के बीच आज कहा कि आंतरिक सुरक्षा स्थिति के आकलन के आधार पर राज्य में अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की जा रही है। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि घाटी में लंबे समय से तैनात जवानों को विश्राम दिया जा रहा है और उनकी जगह दूसरे जवानों को तैनात किया जा रहा है।
मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा स्थिति के आकलन, प्रशिक्षण जरूरतों, जवानों की अदला-बदली और अन्य कारणों के मद्देनजर जवानों का आवागमन एक निरंतर प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती और आवागमन के बारे में सार्वजनिक रूप से जानकारी देने की कोई परम्परा नहीं रही है। गृह मंत्रालय के सूत्रों की ओर से यह स्पष्टीकरण उन मीडिया रिपोर्टों के बाद आया है जिनमें कहा गया है कि राज्य में केन्द्रीय पुलिस बलों के 25 हजार अतिरिक्त जवान भेजे जा रहे हैं। रिपोर्टों में कहा गया है कि इन जवानों की तैनाती का आदेश मौखिक तौर पर दिया गया है जिससे कि इसके बारे में किसी को पता न चले। केन्द्र सरकार स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता बनाने के लिए भी सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ा रही है।
इस बीच, सेना ने पाकिस्तान और उसकी सेना की ओर से शह प्राप्त आतंकवादियों द्वारा अमरनाथ यात्रा में बाधा डालने के प्रयासों को विफल करने का दावा करते हुए कहा कि बालटाल और पहलगाम यात्रा मार्ग पर भारी मात्रा में पाकिस्तान निर्मित हथियार और विस्फोटक बरामद किये गये हैं। सेना की 15वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने राज्य के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के अतिरिक्त महानिदेशक जुल्फिकार हसन के साथ यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि पाकिस्तान और उसकी सेना ने कश्मीर घाटी की शांति में बाधा डालने का दुस्साहस किया है, लेकिन सुरक्षा बल सभी स्तरों पर ऐसी गतिविधियों को नाकाम करेंगे। उन्होंने कहा, “ पिछले तीन-चार दिनों से हमें ऐसी सूचनाएं मिली हैं कि पाकिस्तान और उसकी सेना से शह प्राप्त आतंकवादी अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने के प्रयास में लगे हैं।

। खुफिया अधिकारियों ने भी इन सूचनाओं की पुष्टि की है, जिसके आधार पर पवित्र अमरनाथ यात्रा के दोनों मार्ग पर तलाश अभियान चलाया गया।”
लेफ्टिनेंट ढिल्लन ने कहा कि अभियान के दौरान पाकिस्तानी सेना के बारूदी सुरंग और स्निफर राइफल भी बरामद की गयी है। इन बारूदी सुरंगों पर पाकिस्तानी फैक्टरी के निशान हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान और उसकी सेना कश्मीर में आतंकवाद में संलिप्त हैं। उन्हाेंने कहा कि इसे सहन नहीं किया जायेगा और सभी मोर्चे पर इसका माकूल जवाब दिया जायेगा। सेना और पुलिस के अधिकारियों ने अभिभावकों विशेषकर माताओं से सुरक्षा बलाें पर पथराव करने की प्रवृत्ति से अपने बच्चों को हतोत्साहित करने की अपील करते हुए कहा कि इस तरह की गतिविधियों में शामिल 83 प्रतिशत युवक आतंकवादी बनते हैं।
अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को अपनी यात्रा की अवधि को कम करने और कश्मीर घाटी छोड़ने संबंधी सरकार की तरफ से जारी परामर्श के बाद यहां निर्माण कार्य समेत अन्य कामों में लगे चार लाख से अधिक बाहरी श्रमिकों के बीच डर का माहौल बन गया है। कश्मीर घाटी में बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, पंजाब और राजस्थान के कुशल और अर्ध-कुशल चार लाख से अधिक श्रमिक कार्यरत हैं।
सरकार के इस परामर्श को लेकर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि केंद्र सरकार मुस्लिम बहुल उस राज्य के लोगों के दिल जीतने में विफल रही जिसने धार्मिक आधार पर विभाजन को खारिज कर दिया और धर्मनिरपेक्ष देश को चुना।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के टॉपर से राजनेता बने शाह फैसल ने जानना चाहा कि क्या सरकार स्थानीय लोगों के लिए ऐसा ही कोई मश्विरा जारी करने पर विचार कर रही है। श्री फैसल ने अपने ट्वीट में कहा, “ जम्मू-कश्मीर सरकार ने सुरक्षा खतरे को देखते हुए पर्यटकों एवं अमरनाथ तीर्थ यात्रियों तुरंत कश्मीर छोड़ने को कहा है। क्या सरकार स्थानीय लोगों के लिए भी ऐसा ही मशविरा जारी कर रही है? क्या कश्मीरियों को भी दूसरे स्थानों में पलायन कर जाना चाहिए या फिर हमारी जिंदगी कोई मायने नहीं रखती है?”
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अमरनाथ यात्रियों को कश्मीर छोड़ने की सलाह पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे असाधारण करार दिया और कहा कि सरकार का यह निर्णय अमरनाथ यात्रियों पर आतंकवादी हमले की आशंका से जुड़ा हुआ है तथा इसका घाटी में भय के माहौल से संबंध नहीं है।

error: Content is protected !!