स्वास्थ्य

बन्नाक चौक के झोलाछाप डॉक्टर के गलत इलाज की वजह से काटना पड़ सकता है बच्चे का पैर

डेस्क

प्रदेश में झोलाछाप डॉक्टर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं और लगातार दावों के बावजूद स्वास्थ्य विभाग उनकी ओर से आँखें फेरे बैठा है । जिसका खामियाजा ग्रामीण और गरीब मरीज उठा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला फिर से प्रकाश में आया है। जिसमें एक झोलाछाप डॉक्टर के गलत इलाज की वजह से बच्चे की जान सांसत में पड़ गई है ।

स्वास्थ्य विभाग को साफ आदेश है कि झोलाछाप डॉक्टर पर कारवाही की जाए लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत की वजह से शहर के आसपास ही झोलाछाप डॉक्टर धड़ल्ले से अपने क्लीनिक चला रहे हैं और चिकित्सक विरोध कर सरकारी बिल की खिलाफत कर रहे हैं। सिरगिट्टी इलाके में रहने वाले 10 वर्षीय राजू के पैर में भंवरा खेलने के दौरान चोट लग गई थी। जिसके चोट के इलाज के लिए उसके परिजन उसे लेकर सिरगिट्टी बन्नाक चौक स्थित एक झोलाछाप डॉक्टर के क्लिनिक गए।

दावा किया जा रहा है कि वहां मौजूद गैर डिग्री धारी डॉक्टर ने बच्चे को कोई इंजेक्शन लगाया और कुछ दवाई खाने को दी, साथ ही परिजनों को सलाह दी गयी कि उसके पांव की गर्म पानी से सिकाई करें । सप्ताह भर तक उस झोलाछाप डॉक्टर के कहे अनुसार बच्चे का इलाज चलता रहा लेकिन धीरे-धीरे घाव नासूर बन गया । जब दोबारा परिजन उसे लेकर झोलाछाप डॉक्टर के पास गए तो मर्ज बिगड़ता देख उसने पल्ला झाड़ लिया। जिसके बाद बच्चे को लेकर परिजन जिला अस्पताल पहुंचे। जानकार बता रहे हैं कि बच्चे के पैर का घाव नासूर बन चुका है और इलाज के लिए उसका एक पैर काटना भी पड़ सकता है। यानी एक झोलाछाप डॉक्टर के गलत इलाज की वजह से एक मासूम बच्चे को अपाहिज की जिंदगी जिनी होगी लेकिन फिर भी स्वास्थ्य विभाग ऐसे झोलाछाप चिकित्सकों पर किसी तरह की कार्यवाही नहीं कर रहा है। इससे ना सिर्फ उनके हौसले बुलंद है बल्कि वे धड़ल्ले से प्रैक्टिस भी कर रहे हैं।

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